۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
Amroha

हौज़ा/ज़कात हर उस मुसलमान पर वाजिब है, जिसके पास एक निश्चित रकम या भूषण है, इस लिए हमारी आर्थिक स्थिति ठीक होनी चाहिए और अगर हमारी आर्थिक स्थिति ठीक है तो हमें गरीबों, विधवाओं, असहायों आदि की मदद करने में सक्षम होना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अमरोहा मुस्लिम कमेंटी रजिस्टर्ड अमरोहा, द्वारा आयोजित ईदे मिलादुन नबी के 17 दिवसीय समारोह की चौथी बैठक हाजी अकबर की अध्यक्षता में ईशा की नमाज़ के बाद मोहल्ला कुरैशी अमरोहा (यू.पी) भारत में आयोजित की गई।
जिसमें हाजी खुर्शीद अनवर साहिब ने निज़ामत कि, जलसे की शुरुआत हाफिज अतीक अहमद साहाब द्वारा पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुई। उसके बाद नतीया कलाम की पेशकश की गई।
जलसे को खिताब करते हुए शिया आलमे दीन मौलाना डॉ सैय्यद शाहवार हुसैन नक़वी ने कहा कि अल्लाह तआला ने हमें देने वाला बनाया हैं। और आज हम इस्लाम और कुराने करीम से दूर हो गए इसलिए दूसरों के सामने हाथ फैलाते हैं यह वाकई सही इस्लाम की तस्वीर नहीं है,
इस्लाम और पैगम्बर के बताए रास्ते पर चलकर हम कामयाबी हासिल कर सकते हैं।हर मुसलमान
पर जकात वाजिब है,जिसके पास एक निश्चित रकम या भूषण है,इस लिए हमारी आर्थिक स्थिति ठीक होनी चाहिए और अगर हमारी आर्थिक स्थिति ठीक है तो हमें गरीबों, विधवाओं, असहायों आदि की मदद करने में सक्षम होना चाहिए।
 

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